छ्पी-अनछ्पी: ‘बनारस में नशेड़ी’ वाले बयान पर मोदी भड़के, बिहार में गंगा का पानी पीने लायक नहीं
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भड़क गए जिसमें राहुल ने कहा था कि बनारस में युवा शराब पीकर सड़क पर लेटे हुए मिले। बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि सूबे में गंगा समेत 22 नदियों का पानी पीने लायक नहीं है। बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती के लिए वैकेंसी जारी की गई है। आज हम अखबारों के इन तीन चुनिंदा खबरों को विस्तार से जानेंगे।
जागरण की सुर्खी है: जो खुद होश में नहीं, युवाओं को नशेड़ी कह रहे हैं: मोदी। बनारस से लिखी गई इस खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोगों को जात-पात के नाम पर भड़का और लड़वा कर अपने परिवार के लोगों को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, “जिनके अपने होश ठिकाने नहीं वह मेरे काशी के युवाओं को नशेड़ी कह रहे हैं।”
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
भारत जोड़ो नया यात्रा के दौरान सोमवार और मंगलवार को अमेठी व रायबरेली पहुंचने पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, “मैं वाराणसी गया तो वहां देखा कि युवा शराब पीकर सड़क पर लेटे हुए हैं और बाजा चल रहा है। शराब पी-पीकर युवा बनारस की सड़क पर नाच रहे हैं।”
पीएम गुमराह कर रहे: राहुल
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस भर्तियों में पेपर लीक के खिलाफ युवा लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक सड़कों पर उतर आए हैं और प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में उन्हें गुमराह कर रहे थे। उन्होंने युवाओं के प्रदर्शन का वीडियो एक्स पर साझा करते हुए कहा कि लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और महज 100 किलोमीटर दूर वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी उन्हें गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पेपर लीक के मध्य नजर हमारी मांग है कि हाल ही में हुई दोनों पेपर लीक घटनाओं की सीबीआई जांच हो।
गंगा का पानी पीने लायक नहीं
हिन्दुस्तान की खास खबर में बताया गया है कि बिहार की 22 नदियां जीवनदायिनी की बजाए बीमारी का मुख्य श्रोत बनती जा रही है। सूबे की जीवनरेखा कही जाने वाली ये नदियां राज्य की आधे से अधिक आबादी को प्रभावित कर रही है। जाने-अनजाने में लोग आस्था के नाम पर नदियों के पानी उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना प्रबल हो गई है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक गंगा समेत उसकी सभी सहायक नदियों के पानी में सीवेज और मल-मूत्र में पाए जाने वाले खतरनाक जीवाणु मिले। इन सभी नदियों का पानी नहाने के लायक भी नहीं रह गया है। सूबे के 27 जिला से गुजरने वाली इन सभी नदियों के पानी का कुल 98 स्थलों से पानी की गुणवत्ता की जांच की गई है।
सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड
भास्कर की सुर्खी है: पति पर केस, पत्नी की फर्म को छपाई का ठेका। अख़बार लिखता है कि कोलकाता की जिस ब्लेसिंग सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड ने सिपाही बहाली का पेपर छापा उस पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित एलटी ग्रेड की 2018 की परीक्षा का पेपर लीक करने का आरोप है। प्रश्न पत्र छापने का ठेका कालटेक्स मल्टीवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। इसकी डायरेक्टर में एक तन्विशा धर थी। ठेका लेने के बाद काल्टेक्स ने ब्लेसिंग सिक्योर प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू किया कि बिहार सिपाही बहाली प्रश्न पत्र की छपाई का काम यहीं होगा। ब्लेसिंग के डायरेक्टर कौशिक कुमार हैं। कौशिक और तन्विशा धर पति-पत्नी हैं।
शिक्षक भर्ती की वैकेंसी जारी
हिन्दुस्तान और प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है कि बीपीएससी ने तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए विषयवार रिक्तियां शुक्रवार को जारी कर दी। इस चरण में 87774 पदों पर बहाली होगी। इनमें पहली से पांचवीं कक्षा (प्राथमिकी) में 28216, छठी से आठवीं (मध्य) में 19645, नौवीं से दसवीं (माध्यमिक) में 16970 और 11वीं से 12वीं (उच्च माध्यमिक) में 22373 पद सृजित किये गए हैं। इसके अलावा विशेष शिक्षकों के लिए 65 पद सृजित हुए हैं।
मुफ्त नहीं, सस्ती बिजली: नीतीश
भास्कर की बड़ी सुर्खी है: मुफ्त बिजली नहीं देंगे, 14000 करोड़ की सब्सिडी दे रहे: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों को फ्री में बिजली नहीं देंगे। कई राज्य फ्री दे रहे हैं। हम भी हल्का पैसा ले रहे हैं जो सब की सुरक्षा के लिए है। लोगों के लिए ही अभी 14 हज़ार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। नीतीश कुमार ने यह घोषणा विधानसभा में की। उन्होंने कहा कि मुफ्त में बिजली नहीं देने के बारे में मैं चुनाव प्रचार के दौरान भी बोलता रहा हूं। विधानसभा में जब विपक्षी सदस्यों ने मुफ्त में बिजली देने की मांग की तो मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया और कहा कि राज्य में पहले से ही सस्ती दरों पर बिजली दी जा रही है।
ईडी से डरने वाला नहीं: तेजस्वी
हिन्दुस्तान के अनुसार नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शुक्रवार को जन विश्वास यात्रा के क्रम में औरंगाबाद, रोहतास व बक्सर में जनसभा को संबोधित किया। औरंगाबाद में तेजस्वी ने अपने संक्षिप्त भाषण में 17 साल बनाम 17 महीने के कार्यकाल का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ईडी का इस्तेमाल कर रही है। उनके बुजुर्ग पिता की तबीयत खराब है लेकिन रात भर उन्हें बिठाकर सवाल जवाब किया गया। अगले दिन उनसे भी सवाल जवाब किया गया। जब लालू यादव नहीं डरे तो वह भी इनसे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि अब तरक्की की बात करनी है।
नीतीश व राबड़ी फिर बनेंगे एमएलसी
भास्कर की खबर है: सीएम नीतीश व रबड़ी समेत 11 को कार्यकाल समाप्त हो रहा, इन दोनों का फिर चुना जाना तय। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता राबड़ी देवी, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष सुमन और सांसद संजय झा सहित 11 विधान पार्षदों (एमएलसी) का कार्यकाल 6 मई को पूरा हो रहा है। भारत निर्वाचन आयोग ने विधान परिषद की 11 सीटों के लिए होने वाले चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके लिए चार से 11 मार्च तक नामांकन होगा। वर्तमान में विधायकों की कुल संख्या 242 के हिसाब से एमएलसी बनने के लिए 21 विधायकों के वोट की जरूरत है। जिन प्रमुख लोगों का एमएलसी का टर्म पूरा हो रहा है उनमें ख़ालिद अनवर, प्रेमचंद मिश्रा, मंगल पांडे, रामचंद्र पूर्वे, संजय पासवान और सैयद शाहनवाज हुसैन भी शामिल हैं।
दारुल उलूम से फतवा बिना आधार कार्ड नहीं
देवबंद से हिन्दुस्तान की खबर है कि दारुल उलूम की वेबसाइट पर वर्षों पुराने फतवों को लेकर हो रहे विवाद के बीच संस्था ने विवादित समझे जाने वाले सवालों पर फतवा देने की प्रक्रिया में बदलाव की जानकारी दी। बताया कि इन सवालों का संज्ञान लेकर दारुल इफ्ता फतवा लेने वाले की मंशा जानकर उससे आधार कार्ड लेने के बाद ही फतवा जारी किया जा रहा है।
कुछ और सुर्खियां
- दो साल में यूक्रेन के 40 लाख नागरिकों ने देश छोड़ा, 65 लाख अपने ही देश में बेघर
- 2 मार्च को औरंगाबाद और बेगूसराय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा
- बिहार लघु उद्यमी योजना में 50 हज़ार लाभार्थियों का चयन
- सभी पुलिस थानों और पुलिस भावनाओं के ऊपर सोलर प्लेट लगाएं: नीतीश
- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुल्तानपुर में भीषण हादसा बक्सर के तीन लोगों की मौत
- स्मार्ट बिजली मीटर को 6 माह से अधिक का रिचार्ज करने पर मिलेगा 7.25% ब्याज
अनछपी: एक लोक कल्याणकारी राज्य में बिजली मुफ्त देना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इससे इनकार कर रहे हैं। दिल्ली और पंजाब में तो मुफ्त की बिजली एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनी थी और वहां 200-300 यूनिट तक बिजली मुफ्त में मिलती है। राजस्थान में भी 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिल रही है। हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट फ्री बिजली दी जा रही है और झारखंड में इतनी ही यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि 14000 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि बिहार की बिजली कंपनी अब घाटे के बजाय लाभ में चल रही है। मुख्यमंत्री चाहे तो पड़ोस के राज्यों की बिजली दर भी बता सकते हैं जिससे उनके इस दावे का पता चलेगा कि बिहार में सस्ती दर पर बिजली मिल रही है। बिजली चोरी की शिकायत अपनी जगह पर है लेकिन सच्चाई यह है कि जो लोग ईमानदारी से बिजली बिल दे रहे हैं उन्हें महीने में इस पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। सरकार चाहे तो यह भी बता सकती है कि कुछ साल पहले तक ₹2 प्रति यूनिट मिलने वाली बिजली आज 8-9 रुपए प्रति यूनिट क्यों मिल रही है। विपक्षी सदस्यों ने बिहार विधानसभा में मुफ्त बिजली देने की मांग कर एक अच्छा मुद्दा उठाया लेकिन क्या वे इसे चुनावी मुद्दा बनाने के बारे में सोच सकते हैं? विपक्षी सदस्य आम लोगों से यह कह सकते हैं कि दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में जब बिजली मुफ्त दी जा सकती है तो बिहार में बिजली मुफ्त में क्यों नहीं मिल सकती है? खासकर तब जबकि बिजली कंपनियों को अब मुनाफा हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि इस बारे में गंभीरता से विचार करें ताकि महंगाई की मार से जूझ रहे लोगों को कुछ राहत मिल सके। विपक्ष के सदस्य अगर लगातार इस मुद्दे को उठाते रहें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस पर सोचने को मजबूर हो सकते हैं।
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