छपी-अनछपी: क़ानून बना बिहार में 75%, रिज़र्वेशन, इसराइल-हमास के बीच कैदियों की अदला-बदली संभव

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में नौकरियों और दाखिले में 75% रिजर्वेशन लागू होने की ख़बर सभी जगह सबसे प्रमुख खबर है। हमास और इसराइल के बीच समझौते के आसार की खबर भी प्रमुख है। मधेपुरा डीएम की गाड़ी से कुचलकर तीन लोगों की मौत की ख़बर भी पहले पेज पर है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: बिहार में 75 फीसदी आरक्षण। जागरण ने लिखा है: आज से नौकरी और दाखिले में 75 प्रतिशत आरक्षण। प्रभात खबर की हेडलाइन है: कानून बना नौकरियों व नामांकन में 75% आरक्षण, राज्यपाल की मंजूरी। हिन्दुस्तान लिखता है कि बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की मुहर लगने के साथ ही मंगलवार को बिहार सरकार ने गजट प्रकाशित कर इसे अधिसूचित कर दिया है। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों व शैक्षिक संस्थानों के नामांकन में आरक्षित वर्ग के कोटे में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह अब 50 से बढ़कर 65 फीसदी पहुंच गया है। वहीं गरीब सवर्णों को देय 10 फीसदी आरक्षण यथावत रहेगा। अब राज्य सरकार की सभी स्तर की नौकरियों और तमाम शैक्षणिक संस्थानों के नामांकन में आरक्षण के नए मानक लागू हो गए हैं।

हमास-इसराइल समझौते की उम्मीद

भास्कर की खबर है: 300 फलस्तीनियों के बदले 100 बंधकों को रिहा कर सकता है हमास। हमास-इसराइल युद्ध के 46 वें दिन राहत भरी खबर सामने आई है। हमास के सबसे बड़े नेता इस्माइल हनिया ने पहली बार कहा है कि कतर की मध्यस्थता के बाद इसराइल के साथ संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई पर समझौता वार्ता अंतिम चरण में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमास 240 बंधकों में से 50 से 100 आम नागरिकों को रिहा कर सकता है। इसमें बच्चे महिलाएं और विदेशी नागरिक शामिल होंगे। इसके बदले में इसराइल 300 आम फलस्तीन कैदियों को रिहा करेगा। हमास का कहना है कि बंधकों को कई स्थानों पर रखा है, उनको एकत्रित करने के लिए समय चाहिए, इसलिए 5 दिन का संघर्ष विराम करना होगा।

दो राष्ट ही फ़लस्तीन संकट का हल”

इसराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि गजा में मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है। साथ ही फलस्तीनियों के अधिकारों और उनके भविष्य को लेकर समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी और विश्व के अनेक देशों की राय में इसका हल दो-राष्ट्र में ही निहित है।’

मधेपुरा डीएम की गाड़ी से चार कुचले गए

मधेपुरा डीएम की बेकाबू कार ने मधुबनी में चार लोगों को रौंद दिया। हादसे में मां बेटी समेत तीन की मौत हो गई जबकि एक घायल की हालत गंभीर है। बताया गया कि हादसे के समय मधेपुरा के डीएम विजय प्रकाश मीणा गाड़ी में नहीं थे। घटना मंगलवार की सुबह मधुबनी के फुलपरास में हुई। मृतकों में महिला गुड़िया देवी, उसकी बेटी आरती कुमारी और एनएचएआई कर्मी अशोक कुमार शामिल हैं। मधेपुरा डीएम की कार दरभंगा की ओर से तेज रफ्तार से आ रही थी। अचानक कार ने बेकाबू होकर सड़क पार कर रही महिला और उसकी बच्ची को रौंदते हुए आगे एनएच पर काम कर रहे दो कर्मचारियों को रौंद दिया।

सुरंग संकट में फंसे मज़दूर दिखे

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां मंगलवार को मुस्कुराते हुए मिलीं। हादसे के दसवें दिन मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई। छह इंच के पाइप से सुरंग में भेजे गए कैमरे ने उनकी तस्वीरें लीं। प्रशासन ने उनके सकुशल होने का पहला वीडियो भी जारी किया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मजदूरों को बचाना प्राथमिकता है।

सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे

बिहार में सभी सरकारी डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर रहे। पूर्णिया में सर्जन डॉक्टर राजेश पासवान पर हुए हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इमरजेंसी छोड़ बाकी चिकित्सकीय सेवाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। इसका समर्थन बिहार स्वास्थ्य संघ ने भी किया था। मंगलवार को पीएमसीएच में आईएमए और जेडीए के प्रतिनिधियों रजिस्ट्रेशन और ओपीडी बंद कर दिया। इधर स्वास्थ्य विभाग ने इस हड़ताल को अवैध बताया और इसमें शामिल डॉक्टर का एक दिन का वेतन नो वर्क, नो पे के सिद्धांत पर रोकने का निर्णय लिया है।

नेशनल हेराल्ड मामले में संपत्ति ज़ब्त

जागरण की खबर है: गांधी परिवार से जुड़े नेशनल हेराल्ड मामले में संपत्ति ज़ब्त। ईडी ने गांधी परिवार से जुड़े नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड और यंग इंडियन की 752 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त कर ली है। इनमें 662 करोड रुपए की संपत्ति एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड की और 90.21 रुपए की यंग इंडियन की है। ईडी के अनुसार इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अस्थाई रूप से ज़ब्त किया गया है।

कुछ और सुर्खियां

  • शंकर नेत्रालय, चेन्नई के संस्थापक डॉक्टर बद्रीनाथ नहीं रहे
  • मधुबनी में जर्जर स्कूल तोड़ते समय छत गिरी, दो मजदूरों की मौत
  • बिहार में 6060 हेड मास्टर की नियुक्ति जल्द होगी
  • झारखंड में करंट लगने से पांच हाथी मरे
  • 26 नवंबर को आयोजित होने वाली भीम संसद में एक लाख लोग शामिल होंगे

अनछपी: मधेपुरा के डीएम की गाड़ी से मधुबनी में हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौत के बाद प्रशासन का सारा जोर इस बात पर रहा कि उस समय गाड़ी में डीएम मौजूद नहीं थे। यह तय करना मुश्किल है लेकिन लोग बता रहे हैं कि गाड़ी में डीएम का नेम प्लेट खुला था जिससे यह माना जा सकता है कि डीएम गाड़ी पर सवार थे। बताया गया की गाड़ी सर्विसिंग के लिए गई हुई थी और दरभंगा से लौटने के दौरान यह दुर्घटना हुई। इसकी वजह कोहरा और एनएचएआई द्वारा बोर्ड नहीं लगाया जाना बताया गया है। मधुबनी के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि मृतक के घर वालों के बयान पर अज्ञात चालक व वाहन नंबर के आधार पर उसके मालिक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। कुछ अखबारों ने यह ध्यान दिलाया है कि मधेपुरा डीएम की जिस गाड़ी से यह दुर्घटना हुई उसका इंश्योरेंस पिछले 4 साल से फेल है। साथ ही 2 वर्ष से गाड़ी की प्रदूषण जांच नहीं कराई गई है। यह गाड़ी मधेपुरा के जिला नाज़िर के नाम पर रजिस्टर्ड है। आमतौर पर जनता की गाड़ी पर तुरंत फाइन लगाने वाले प्रशासन का कहना है कि डीएम की गाड़ी का इंश्योरेंस फेल है, इसकी जानकारी नहीं है। कई लोगों का कहना है कि सरकारी गाड़ियों को इंश्योरेंस की आवश्यकता नहीं है तो फिर 4 साल पहले इस गाड़ी का इंश्योरेंस कैसे हुआ था। कुछ लोगों का कहना है कि गाड़ी का इंश्योरेंस फेल होने के कारण मृतकों के परिवार वालों को मुआवजा भी नहीं मिल सकेगा। वहीं कुछ लोगों का यह कहना है कि गाड़ी सरकारी है, इस कारण मुआवजा मिल सकता है। इस दुर्घटना के बाद यह सवाल जरूर उठेगा की आखिर सरकारी गाड़ियों के लिए नियम कानून है या नहीं? अगर डीएम उस गाड़ी पर सवार नहीं थे तब भी उनके कार्यालय को यह जानकारी जरूर होगी कि गाड़ी मैं कौन लोग थे। एफआईआर के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकारी गाड़ी होने के कारण इस मामले में किसी तरह की गैर मुनासिब छूट नहीं मिलेगी। जिन लोगों की मौत हुई है उनके घर वालों को मुआवजा दिलाने के लिए भी जिला प्रशासन को कोशिश करनी चाहिए। इस मौके पर सभी सरकारी गाड़ियों के इंश्योरेंस और पॉल्यूशन जांच को भी देखना चाहिए। आखिर यह कहां का इंसाफ है कि जनता की गाड़ी का इंश्योरेंस और पॉल्यूशन फ़ेल रहे तो उस पर जुर्माना लगाया जाए और खुद प्रशासन की गाड़ियां इंश्योरेंस व पोल्यूशन फ़ेल रहें।

 

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