छ्पी-अनछ्पी: बिहार के नए रिज़र्वेशन को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग, ग़ज़ा में युद्ध रुका

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में जाति गणना के बाद लागू 75 प्रतिशत रिज़र्वेशन को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई है ताकि इसे क़ानूनी चुनौती न दी जा सके। इसके अलावा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी दोहराई गई है। इस खबर को काफी अहमियत दी गई है। ग़ज़ा में कुछ दिनों के लिए जंग रोकने के फैसले की खबर भी अहम है। उत्तरकाशी सुरंग संकट में मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने की संभावना बेहतर हुई है। इसे भी अच्छी कवरेज मिली है।

हिन्दुस्तान ने लिखा है कि बिहार में लागू हुए नई आरक्षण व्यवस्था को संविधान अनुच्छेद 31(ख) की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर राज्य कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। इसके साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गयी। इस अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची है, जिसे न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

ग़ज़ा में युद्ध विराम

इसराइल-हमास युद्ध के 46 दिन बाद बुधवार को राहत भरी एक खबर आई। इसराइल-हमास चार दिन के संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। इसराइल 150 फलस्तीनी नागरिकों को रिहा करेगा, बदले में हमास 50 बंधकों को छोड़ेगा। हमास के पास 240 इजरायली बंधक हैं। इसराइल की तमाम कोशिशों के बाद भी बंधकों के बारे में सुराग नहीं लग पा रहा था। मंगलवार देर शाम वॉर कैबिनेट की बैठक से पहले इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि जल्द अच्छी खबर मिल सकती है। तेल अवीव में बैठक बुधवार सुबह खत्म हुई। बैठक के बाद इसराइल कैबिनेट ने कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता वाले समझौते को तीन के मुकाबले 35 वोट से मंजूरी दी।

चार सैनिकों की मौत

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए। इनमें दो कैप्टन, एक हवलदार और एक जवान शामिल हैं। गोलीबारी में एक मेजर और जवान घायल भी हुए हैं। उनको उपचार के लिए उधमपुर स्थित सैन्य अस्पताल ले जाया गया है।

टनल संकट में अच्छी खबर

भास्कर की सुर्खी है: आखिरी संघर्ष; 41 मजदूर तक पहुंचे रेस्क्यू पाइप, एनडीआरएफ के पास जवान पाइप के अंदर तक पहुंचे। उत्तराखंड की 4.5 किलोमीटर लंबी निर्माणधीन सिल्क्यरा-डंडला गांव टनल से बुधवार रात अच्छी खबर आई। अमेरिकी ऑगर ड्रिल मशीन ने टनल में 12 दिन से फंसे 41 मजदूर तक रात करीब 7:23 बजे 32 इंच चौड़ा रेस्क्यू पाइप पहुंचा दिया। हालांकि जब पाइप का अगला छोर मलबे के पार निकल ही रहा था तो उसी वक्त ऊपर से बड़ी चट्टान के साथ कुछ मलबा और आ गिरा और एक चट्टान पाइप के मुहाने पर अटक गई। उस वक्त पाइप के छोर और मजदूरों के बीच सिर्फ 1 मीटर ही मलबा था। फिर एनडीआरएफ के 21 जवानों को ऑक्सीजन सिलेंडर कटिंग मशीन रस्सी मास्क स्ट्रेचर आदि के साथ टनल में भेजा गया।

नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट जाएगी कांग्रेस

जागरण ने पहले पेज पर खबर दी है कि नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड की 750 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त करने के ईडी के ताजा कदम के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई के इरादे से कांग्रेस ने कानूनी मोर्चे पर भी लंबी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। ईडी के कदम को कानून की कसौटियों पर गलत ठहराते हुए इसे मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति बता चुकी पार्टी संपत्ति ज़ब्त करने के फैसले को कानूनी प्रक्रिया के तहत अदालत में चुनौती देगी। पार्टी के वरिष्ठ कानूनी सलाहकारों के बीच इस पर विचार शुरू हो गया है।

मगध मेडिकल में 10 माह में 848 बच्चों की मौत

जागरण की खास खबर है: मगध के सबसे बड़े अस्पताल एएनएमएमसीएच में 10 माह में 848 बच्चों की मौत। मगध प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के बीच 848 बच्चों की मौत हुई है। हर महीने करीब 85 बच्चे काल के काल में समा गए। यहां 5314 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इनमें मौत का आंकड़ा करीब 15% रहा। हर महीने इतनी बड़ी संख्या में मौतें होती चली गईं पर न कोई समीक्षा हुई न ही योजनाओं की पड़ताल की गई।

कुछ और सुर्खियां

  • नीट-यूजी में अब 97 की जगह 79 चैप्टर से ही पूछे जाएंगे सवाल
  • 75% आरक्षण: विज्ञापन में बैकलॉग व चालू वैकेंसी को अलग प्रकाशित करने का निर्देश
  • कनाडा के नागरिकों के लिए ई वीजा फिर से शुरू
  • दिसंबर से बिहार के सभी जिलों में कटेगा ई-चालान
  • दरभंगा एयरपोर्ट पर पहली बार अंधेरे में विमान की लैंडिंग, उड़ान भी भरी
  • बिहार में 1755 करोड़ के खर्च से 1379 नए अस्पताल बनेंगे

अनछपी: बिहार सरकार ने नए रिजर्वेशन को कोर्ट में चुनौती से बचाने के लिए केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इस अधिनियम को नौवीं अनुसूची में शामिल करे। इस अनुसूची में पहले से ही 284 कानून दर्ज हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस सूची में शामिल केंद्र एवं राज्य सरकार के कानून को किसी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। आरक्षण को इस सूची में शामिल करने की मांग करने वाला बिहार पहला राज्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जिस दिन आरक्षण को मौलिक अधिकार मानने से इनकार किया है उसी दिन से कई राज्यों की ओर से यह मांग शुरू हो गई। बिहार से पहले तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने यह मांग की है। इस अनुसूची में किसी नए कानून को शामिल करने के लिए भी संविधान संशोधन की जरूरत होती है। इस सूची में शामिल कानून को संविधान में अनुच्छेद 31 बी के तहत संरक्षण प्राप्त है। ध्यान रहे कि भारतीय जनता पार्टी की बिहार शाखा ने राज्य सरकार के नए रिजर्वेशन प्रस्ताव का समर्थन किया है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी वाली सरकार बिहार सरकार के प्रस्ताव के साथ क्या व्यवहार करती है। अगर वह इस प्रस्ताव को मानने से इंकार करती है तो उसे पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगा सकता है। यह प्रस्ताव वास्तव में भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई और केंद्रीय नेतृत्व के बीच एक गंभीर समस्या बन सकता है। नए रिजर्वेशन को इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिलती है या नहीं यह तो समय आने पर पता चलेगा लेकिन केंद्र सरकार अगर बिहार के प्रस्ताव का मंजूरी देती है तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा। बिहार के इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का मतलब होगा कि तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिले। बिहार सरकार का तर्क है कि क्योंकि यह रिजर्वेशन जाति सर्वे के बाद किया गया है, इसलिए इसका औचित्य बनता है। दूसरी और भारतीय जनता पार्टी का एक वर्ग रिजर्वेशन के खिलाफ रहा है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस नई परिस्थिति में वह क्या रुख अपनाता है।

 

 

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