छ्पी-अनछ्पी: नीतीश आज मारेंगे एक और पलटी,  सपा ने यूपी में कांग्रेस को 11 सीटें दीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भारतीय जनता पार्टी को हराने की कसमें खाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज एक बार फिर पलटी मार कर भाजपा के साथ जाने वाले हैं। आज के सभी अखबार इसी खबर पर केंद्रित हैं। इंडिया गठबंधन बिहार में भले ही टूट रहा हो लेकिन उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी को 11 सीटें देने की घोषणा की है। यह खबर सभी जगह है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: महागठबंधन सरकार की उल्टी गिनती शुरू। बिहार में महागठबंधन सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार के गठन की प्रबल संभावनाएं बन गई हैं। बीते तीन दिनों की सियासी गहमागहमी के मद्देनजर माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा देकर एनडीए की नई सरकार बनायेंगे। जदयू-भाजपा की इस सरकार में एनडीए के मौजूदा घटक दल हम, रालोजद और लोजपा के दोनों गुटों के भी शामिल रहने के आसार हैं। हालांकि हम को छोड़ शेष तीनों दलों के बिहार विधानमंडल में अभी एक भी सदस्य नहीं हैं। जदयू और भाजपा के पास बहुमत का संख्याबल है। दोनों को मिलाकर 124 (एक निर्दलीय समेत) विधायक हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों के समर्थन की दरकार है।

नीतीश का इस्तीफा आज

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश देंगे त्यागपत्र, फिर भाजपा के साथ नौवीं बार बने लेंगे शपथ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पहले त्यागपत्र देंगे, उसके बाद नए सहयोगी दलों के समर्थन के आधार पर नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले बुलाई गई जदयू विधानमंडल दल की बैठक में वह उन परिस्थितियों की चर्चा करेंगे जिनके कारण महागठबंधन से अलग होना उनके लिए जरूरी हो गया था। विधायक दल की बैठक 10:00 बजे दिन में मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई है। संभव है कि 11:00 बजे दिन में मुख्यमंत्री राजभवन जाएं, उसके बाद शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। शपथ ग्रहण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित रह सकते हैं। नीतीश के नेतृत्व में गठित होने वाले अगली सरकार को भाजपा के 78, जदयू के 45, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चार और एक निर्दलीय समेत कुल 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त होगा।

भाजपा के साथ नई सरकार

प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: भाजपा के साथ आज नई सरकार बनाएंगे नीतीश। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन तय हो गया। रविवार को जदयू विधायक दल की दिन के 10:00 बजे बुलाई गई बैठक में इस पर मुहर लगा दी जाएगी। इसके बाद उन्हें भाजपा व जदयू दोनों दलों के विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार नेता चुन लिए जाने के बाद नीतीश कुमार राज भवन जाकर इस्तीफा देंगे और नई सरकार का दावा भी पेश करेंगे।

दो डिप्टी सीएम बनेंगे

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: सीएम नीतीश ही रहेंगे, दो डिप्टी सीएम बनेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने खुद को महागठबंधन व ‘इंडिया’ से अलग कर लिया। जदयू और भाजपा फिर एक दूसरे के साथ हो गए। 2014 से अब तक यानी कुल 10 वर्षों में नीतीश ने छह बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। दो बार राजद के साथ सरकार बनाई, उससे अलग भी हुए। शपथ ग्रहण समारोह 4:00 बजे शाम होने की बात है। फॉर्मूला पुराना है। सीएम नीतीश ही रहेंगे। भाजपा के दो डिप्टी सीएम होंगे। स्पीकर भी भाजपा का होगा।

क्या बोले लालू-तेजस्वी

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के विधायकों को पटना में रहने और फोन बंद नहीं रखने को कहा। वहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को कहा कि अबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बिहार की बदलती राजनीतिक स्थिति को लेकर कुछ नहीं कहा गया है, ऐसे में राज्य में महागठबंधन सरकार कायम है। पार्टी हर स्थिति पर नजर रखी हुई है। सूत्रों की मानें तो तेजस्वी ने अपने विधायकों से यह भी कहा कि हर चीज मुख्यमंत्री के नियंत्रण में नहीं है। बिहार में अभी खेला होना बाकी है।

 सपा ने यूपी में कांग्रेस को 11 सीटें दीं

बिहार की सियासी हलचल के बीच समाजवादी पार्टी ने यूपी में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के लिए 11 सीटें देने का ऐलान किया है और इसे अच्छी शुरुआत बताया है। साथ ही संकेत दिया कि इस प्रस्ताव के साथ आने वाले वक्त में और सीटें छोड़ी जा सकती हैं। कांग्रेस ने सपा के कदम का स्वागत तो किया लेकिन यह भी कहा कि इस पर केंद्रीय नेतृत्व निर्णय लेगा।

केजरीवाल के विधायकों को 25 करोड़ की पेशकश!

हिन्दुस्तान के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार गिराने के लिए भाजपा ऑपरेशन लोटस चला रही है। मुख्यमंत्री ने एक्स पर की गई पोस्ट में कहा, कथित घोटाले की आढ़ में सिर्फ मुझे ही गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, बल्कि सरकार गिराने का षड्यंत्र भी रचा जा रहा है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि हमारे सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव दिया गया।

कलकत्ता हाई कोर्ट के जजों का झगड़ा

जागरण की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस दाखिले में अनियमितता से जुड़े जाति प्रमाण पत्र घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के बीच विवाद और तनातनी थामने के लिए मामले में हस्तक्षेप किया है। शनिवार को छुट्टी वाले दिन सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने विशेष सुनवाई करते हुए जाति प्रमाण पत्र घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ और खंड पीठ के समक्ष लंबित सुनवाई पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के एकल पीठ के आदेश पर भी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश द्वारा दो सदस्य वाली खंडपीठ के आदेश को अवैध करार देने और अनदेखी करने के आदेश पर स्वतः संज्ञान लिया है।

लैंड फ़ॉर जॉब: रबड़ी व मीसा को समन

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर अदालत ने शनिवार को संज्ञान ले लिया। धनशोधन से संबंधित आरोपों में दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा व हेमा यादव समेत सात लोगों और दो कंपनियों को समन जारी किया है। विशेष जज विशाल गोगने की अदालत ने आरोपियों को 9 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिए हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में 79 आईपीएस और 23 आईएएस अधिकारी बदले गए
  • 478 सीओ और राजस्व अधिकारी इधर से उधर
  • 43 साल की उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने रोहन बोपन्ना
  • दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा में 25405 अभ्यर्थी सफल
  • मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार ने मानी मांगें, मनोज जारंगे की भूख हड़ताल खत्म
  • जमीन घोटाले मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी फिर करेगी पूछताछ

अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जब एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे तो राजनीति में दो पलटबाज़ियों की बात याद आएंगी। एक तो खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पलटी और दूसरी भारतीय जनता पार्टी की पलटी जिसके नेता अमित शाह ने कहा था कि नीतीश बाबू के लिए भाजपा का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो गया है। यह बात भी याद आएगी कि नीतीश कुमार ने कहा था कि वह मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जाएंगे। उनके बारे में यह मजाक खूब चल रहा है कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर फिर मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बना रहे हैं। भारतीय राजनीति में सिद्धांत पर चलने की उम्मीद कम ही की जाती है लेकिन नीतीश कुमार जैसे पलटबाज़ कम ही मिलेंगे। अगर नीतीश कुमार और अमित शाह से यह कहा जाए कि दोनों ने झूठ बोला था तो शायद ऐसा बोलने वालों पर मुकदमा हो जाए।  इसीलिए पलटबाज़ी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। नीतीश कुमार अपनी पलटबाजी के बारे में बहुत सारी दलीलें दे सकते हैं लेकिन उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं होगा कि जिस भारतीय जनता पार्टी को केंद्र की सत्ता से हटाने का संकल्प उन्होंने लिया था, उसे भूल कर वह उसी पार्टी के ही साथ चले गए। उनकी पार्टी के नेता कांग्रेस पर यह आरोप लगा सकते हैं कि उन्हें इंडिया गठबंधन में सही पद नहीं मिला लेकिन क्या यह इसकी दलील हो सकती थी कि वह वहां से हटकर सीधे एनडीए में चले जाएं? दूसरी तरफ कांग्रेस को भी यह सोचना चाहिए कि क्या उसने नीतीश कुमार के साथ इंसाफ किया था। इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राजद की पोजीशन मजबूत की है। उन्होंने यह जताने की कोशिश की है कि उनके सरकार में आने के बाद बिहार में नौकरी देने का बड़ा काम हुआ। आज के अखबारों में एक पूरे पेज का विज्ञापन इसी पर आधारित है। दूसरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं जिनके स्वागत के लिए खुद भारतीय जनता पार्टी के बिहार के नेता ख़ुश नज़र नहीं आते हैं। ऐसी बेदिली से बनने वाली सरकार कैसे चलेगी, कहना मुश्किल है।

 

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