छपी-अनछपी: हिन्दू राष्ट्र की बात पर नीतीश बोले- संविधान का उल्लंघन, राजद नेताओं पर सीबीआई की छापेमारी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना से सटे नौबतपुर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा बार-बार हिंदू राष्ट्र की बात कहने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एतराज जताया है। इसकी खबर पहले पेज पर है लेकिन आज की सबसे बड़ी खबर राजद नेताओं पर लैंड फॉर जॉब के कथित घोटाले में सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बारे में आज फैसला होने की उम्मीद है। इस खबर को भी तवज्जो मिली है। जामताड़ा जैसी ठगी रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट लॉन्च की खबर भी अच्छी है।

भास्कर की सुर्खी है: बाबा बागेश्वर के हिंदू राष्ट्र पर नीतीश का एतराज, कहा- देश का नाम बदल दीजिएगा? जागरण की हेड लाइन है हिंदू राष्ट्र की बात पर सीएम नीतीश बोले संविधान के उल्लंघन की बात हो रही है। भास्कर लिखता है: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात पर सख्त एतराज जताया। कहा हद है देश का नाम बदल दीजिएगा? असंभव। मुख्यमंत्री मंगलवार को मीडिया से मुखातिब थे। उनसे बाबा के हिंदू राष्ट्र वाले बयान को लेकर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा इन बातों की कोई वैल्यू नहीं। बेकार बात है। संविधान का उल्लंघन है।

सीबीआई की छापेमारी

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: प्रेमचंद गुप्ता और विधायक किरण के ठिकानों पर छापे। भास्कर में भी सबसे बड़ी सुर्खी यही है: लैंड फॉर जॉब: राजद सांसद और संदेश विधायक के ठिकानों पर सीबीआई छापा। जागरण की पहली हेडलाइन है: राजद सांसद प्रेमचंद व विधायक किरण के आवास पर सीबीआई की छापेमारी। कथित नौकरी के बदले जमीन मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबियों पर सीबीआई ने फिर कार्रवाई की है। मंगलवार को सीबीआई ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी सांसद प्रेमचंद गुप्ता और राजद विधायक किरण देवी के नौ ठिकानों पर छापेमारी की। किरण देवी लालू प्रसाद के करीबी पूर्व विधायक अरुण यादव की पत्नी हैं। छापेमारी में सीबीआई ने निवेश, भूमि और लेन-देन के दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए हैं।

लालू परिवार की ज़मीन का ब्योरा

जागरण की खास खबर है: लालू परिवार के सभी सदस्यों की 2004 से 2009 तक खरीदी गई संपत्ति का मांगा ब्योरा। कथित रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले की जांच के क्रम में सीबीआई ने लालू परिवार के सभी सदस्यों के नाम से खरीदी गई संपत्ति का ब्योरा मांगा है। जागरण ने लिखा है कि वर्ष 2004 से 2009 तक तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद व तेजप्रताप और बेटी मीसा भारती समेत लालू की सभी सात बेटियों के नाम से खरीदी, गिफ्ट की गई या लीज पर दी गई अचल संपत्ति का विवरण मांगा गया है। सीबीआई के पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध इकाई ने राज्य के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेजकर ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है।

कर्नाटक के सीएम पर फैसला

हिन्दुस्तान की खबर है: कर्नाटक सीएम पर पेच,आज घोषणा संभव। अखबार लिखता है: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए अभी भी पेच फंसा है। मंगलवार को दिनभर मैराथन बैठक और मुलाकातों का दौर चला। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदार सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार से अलग-अलग मुलाकात की। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, अध्यक्ष ने दोनों नेताओं का पक्ष सुना है। वह पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर जल्द निर्णय पर पहुंचेंगे। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम पर बुधवार को फैसला हो सकता है।

ईडी से डर का माहौल

हिन्दुस्तान ने इस खबर को अहमियत दी है: ईडी डर का माहौल पैदा नहीं करे सुप्रीम कोर्ट। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से डर का माहौल पैदा न करने को कहा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय पर ‘बुरा बर्ताव’ करने और शराब घोटाले से जुड़े एक मामले में मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति ए. अमानुल्ला की खंडपीठ के समक्ष आरोप लगाया कि राज्य के आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि ईडी उन्हें तथा उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने की धमकी दे रही है और ‘मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है।’

जामताड़ा जैसी ठगी से बचने के लिए

जागरण की खबर है: जामताड़ा जैसी साइबर ठगी पर अब लगाम। अब जामताड़ा स्टाइल में साइबर ठगी को अंजाम देना आसान नहीं होगा क्योंकि दूसरों के नाम पर या फर्जी तरीके से सिम खरीदने पर पकड़े जाने की पूरी संभावना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सरकार ने हाल ही में 87 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों की जांच की। इसमें 40 लाख संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान की गई जिनमें 36 लाख कनेक्शनों को निष्क्रिय कर दिया गया। छानबीन में पाया गया कि एक समान फोटो पर फर्जी तरीके से अलग अलग नाम से एक व्यक्ति के 6800 कनेक्शन जारी किए गए थे। मंगलवार को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल की औपचारिक शुरुआत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संचार साथी पोर्टल पर एआई आधारित सुविधा दी गई है जिसकी मदद से यूजर्स का मोबाइल नंबर डालकर पता चल जाएगा कि उसके नाम पर और कितने कनेक्शन चल रहे हैं।  संचार साथी पोर्टल पर यूजर्स मोबाइल खोने या चोरी होने पर उसे ट्रेस करने के लिए जानकारी दे सकते हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट विभागों में बनेंगे ज्वाइंट सेक्रेट्री और डायरेक्टर
  • बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 9 की जान गई
  • ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर लगाई मुहर
  • मानसून में देरी 4 जून को केरल में दे सकता है दस्तक
  • पांच करोड़ बिहारी घर पर महावीरी ध्वज व तिलक लगाकर निकले तो हिंदू राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर होगा भारत: धीरेंद्र शास्त्री
  • नियुक्ति नियमावली का विरोध करने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
  • कर्नाटक में सरकार बनने के बाद विपक्षी दलों की बैठक: नीतीश

अनछपी: बिहार में आकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मेजबानी में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने लगातार हिंदू राष्ट्र की बात की है। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन करार दिया लेकिन यह सवाल रह गया कि संविधान के उल्लंघन करने वालों को क्या ऐसे ही बोलते रहने की आजादी दी जाती रहेगी? ध्यान रहे कि अब से कोई 10 महीने पहले, नौबतपुर जहां धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम हो रहा है, उस से 10 किलोमीटर दूर फुलवारी शरीफ में कुछ लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। तब एनआईए के आरोपों में यह बात भी शामिल थी कि अभियुक्त इस्लामी राष्ट्र की बात कर रहे हैं। एनआईए ने इसका आधार एक गोपनीय दस्तावेज की बरामदगी को बनाया था लेकिन धीरेंद्र शास्त्री तो यहां खुल्लम-खुल्ला हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं। ऐसे में यह वाजिब सवाल है कि अगर कोई इस्लामी राष्ट्र की बात करता है तो उस पर यूएपीए की धाराएं लगाई जाती है लेकिन हिंदू राष्ट्र की बात करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती। एक ही तरह की बात के लिए कुछ लोगों पर यूएपीए लगाना और बाकी को छोड़ देना यह सवाल पैदा करता है कि क्या कानून सबके लिए समान नहीं है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि ऐसी बातें संविधान का उल्लंघन है तो क्या संविधान के उल्लंघन के लिए कोई कानून नहीं बना है और क्या वह धीरेंद्र शास्त्री पर लागू नहीं होता? कुछ लोगों का कहना है कि सरकार इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहती क्योंकि भारतीय जनता पार्टी फिर इसे हिंदुओं पर हमले का मुद्दा बना सकती है। ऐसे में एनआईए से यह सवाल किया जाना चाहिए कि क्या वह इस बात का स्वत संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं कर सकता? एनआईए अगर इस पर कार्रवाई करता है तो उस पर कानून को अलग-अलग तरीके से लागू करने का आरोप नहीं लगेगा।

 

 

 800 total views

Share Now

Leave a Reply