छपी-अनछपी: टीचर बहाली के लिए इसी हफ्ते से एप्लिकेशन, सर्किल ऑफिस में गड़बड़ी पर नीतीश का ध्यान

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में करीब पौने दो लाख शिक्षकों की बहाली के लिए आवेदन इसी हफ्ते से शुरू हो जाएगा। यह जानकारी पहले पेज की पहली खबर बनी है। सर्किल ऑफिस की गड़बड़ियों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान गया है। इसकी खबर भी प्रमुखता से छपी है। उधर कर्नाटक में मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर जारी अटकलबाजी की खबर भी दी गई है। बिहार में आंधी पानी से 7 लोगों की मौत की खबर भी प्रमुख है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: 1.70 लाख शिक्षक की वैकेंसी, इसी सप्ताह परीक्षा अगस्त के अंत तक। जागरण की पहली खबर भी यही है। बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए आवेदन इसी सप्ताह से शुरू होगा। छात्रों को कम से कम एक माह का समय मिलेगा। परीक्षा अगस्त में संभावित है। रिजल्ट नवंबर में आ सकता है। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होंगी। भाषा की परीक्षा कॉमन होगी। इसमें सभी को पास करना अनिवार्य है। यह परीक्षा सौ अंकों की होगी। इसमें 30 अंक लाना जरूरी है। प्रश्नों का स्तर पदों के हिसाब से रहेगा। एक से पांचवीं कक्षा के लिए प्रश्नों का स्तर इंटरस्तरीय तक तो माध्यमिक में स्नातक स्तर के प्रश्न पूछे जाएंगे और उच्च माध्यमिक में स्नाकोत्तर (पीजी) के स्तर के सवाल होंगे।

सर्किल ऑफिस की गड़बड़ी

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: अंचल कार्यालयों में भूमि के दाखिल-खारिज समेत अन्य कार्यों में की जा रही सुस्ती और गड़बड़ी की जांच होगी। लोगों की शिकायतें सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को यह निर्देश दिया है। सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में विभाग को फोन लगाकर कहा कि अंचल कार्यालय में कोई ठीक से काम नहीं कर रहा है तो यह अच्छी बात नहीं है। आखिर क्यों वहां की इतनी शिकायतें आ रही हैं? जांच कर उचित कार्रवाई करें।

कर्नाटक के सीएम पर फैसला नहीं

हिन्दुस्तान की सुर्खी है: कर्नाटक में बेसब्री, दिल्ली पर टकटकी। भास्कर ने लिखा है: दिल्ली नहीं गए डीके, बोले- मैं न बगावत करता हूं, न ही कभी ब्लैकमेल करता हूं। कर्नाटक चुनाव का परिणाम आने के तीसरे दिन भी कांग्रेस सीएम की घोषणा नहीं कर पाई है। इसे लेकर सोमवार को बेंगलुरु से दिल्ली तक बैठकों और मुलाकातों का दौर चलता रहा। विधायकों से रायशुमारी का दिल्ली पहुंचे तीनों पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। आलाकमान के बुलावे पर सीएम पद के दावेदार सिद्धारमैया दिल्ली पहुंच गए हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार नहीं गए। देर शाम डीके ने कहा कि बीमारी की वजह से वह दिल्ली नहीं जा सके, मंगलवार को जाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं बगावत नहीं करता। ब्लैकमेल नहीं करता। सिद्धारमैया को मेरी शुभकामनाएं।

आंधी-पानी से 7 की मौत

हिंदुस्तान और भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर बिहार में आंधी और बारिश से 7 लोगों की मौत की है। उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिलों में रविवार देर रात आई आंधी ने भारी तबाही मचाई। मकान, दीवार और पेड़ गिरने से कुल सात की जान चली गई। कई घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार सोमवार देर शाम तक मधेपुरा में तीन और सुपौल, बेगूसराय, बांका, पूर्वी चंपारण में एक-एक की मौत हो गई।

अदानी समूह की जांच

जागरण में पहले पेज पर खबर दी है: अदानी समूह की जांच को लेकर सेबी पर उठे सवाल। अदानी समूह में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर बाजार नियामक सेबी ही अब फंसती नजर आ रही है। वजह यह है कि सेबी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में इन सूचनाओं को बेबुनियाद करार दिया है कि वह वर्ष 2016 से ही अदानी समूह की कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। सेबी के इस हलफनामे पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया और कहा कि वित्त मंत्रालय ने ही जुलाई 2021 में लोकसभा को बताया था कि सेबी नियमों के उल्लंघन के मामले में अदानी समूह की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच कर रही है। इस आधार पर कांग्रेस ने सेबी व सरकार पर अदालत और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

तुर्की में राष्ट्रपति चुनाव

जागरण की खबर है: अब दूसरे दौर के मतदान में होगा तुर्की के राष्ट्रपति का फैसला। तुर्किये (तुर्की) के राष्ट्रपति चुनाव का फैसला दूसरे दौर के मतदान में 28 मई को होगा। पहले दौर के चुनाव में अधिकतर मतों की गणना के बाद निर्धारित 50% का आंकड़ा कोई भी उम्मीदवार प्राप्त नहीं कर सका है। चुनाव में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दुआन में 49.5% मत हासिल किए हैं। वही उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी केमाल किलिडारोग्लू को 44.9% मत मिले। तुर्की के लोगों ने रविवार को नए राष्ट्रपति और नई संसद चुनने के लिए मतदान किया।

पाकिस्तान का हाल

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी और रिहाई से शुरू हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बारे में जागरण की सुर्खी है: इमरान की रिहाई पर सरकार व सुप्रीम कोर्ट में ठनी। इमरान की रिहाई के विरोध में सोमवार को सत्तारूढ़ गठबंधन पीडीएम में शामिल पार्टियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसकी अगुवाई जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) कर रही है। उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इमरान खान ने इस धरने को नौटंकी बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य चीफ जस्टिस को डराना है ताकि वह संविधान के अनुसार फैसले ना दे सकें।

कुछ और सुर्खियां

  • नीतीश, पवार के बाद अब ममता बोलीं- जहां कांग्रेस मजबूत, वहां हम साथ देंगे
  • मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की पेशी पर हाईकोर्ट की रोक, सुनवाई अब 4 जुलाई को
  • देश में डॉक्टरों को मिलेगा खास पहचान नंबर
  • पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की पोती ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया
  • मुझे अगले 10 साल तक जेल में रखने की साजिश: इमरान खान
  • बिहार से जगेगी हिंदू राष्ट्र की ज्वाला: पंडित शास्त्री

अनछपी: सर्किल ऑफिस या अंचल कार्यालय में पाई जाने वाली गड़बड़ियों पर काबू करने की तमाम कोशिशों के बावजूद वहां के बारे में शिकायतों में कमी नहीं आ रही है। सर्किल ऑफिस में सर्किल ऑफिसर से लेकर नीचे तक के सभी कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, घूसखोरी वहां आम बताई जाती है। वहां की सबसे बड़ी समस्या दाखिल खारिज की बताई जाती है जिसके लिए आम समझ यह है कि बिना पैसे के दाखिल खारिज नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास यह शिकायत बराबर आती है और राहत की बात है कि उन्होंने इस बार इस मामले को गंभीरता से लिया है। उदाहरण के लिए मुख्यमंत्री के जनता दरबार में समस्तीपुर से आए फरियादी ने बताया कि बिना किसी छानबीन और जांच के उनके दाखिल खारिज के आवेदन को रद्द कर दिया गया। इसी तरह शेखपुरा जिले के एक व्यक्ति ने बताया कि सारी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भी उनकी जमीन, जो उनके नाम से है, उसका दाखिल खारिज करने की बजाय उसे बिका हुआ बताया जा रहा है। इन शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अंचल कार्यालय में कोई ठीक से काम नहीं कर रहा तो यह अच्छी बात नहीं है। आखिर क्यों वहां की इतनी शिकायतें आ रही हैं। यह तो हुई मुख्यमंत्री की बात लेकिन इस मामले में ध्यान देने की बात यह भी है कि यह आरोप लगता है कि अंचल कार्यालयों में बिना घूस के पदस्थापन नहीं होता है। यह बात भी ध्यान देने की है कि सीईओ के पदस्थापन और ट्रांसफर को लेकर काफी झगड़ा होता है। कहा जाता है कि जब सीओ पैसे देकर सर्किल ऑफिस जाएंगे तो वह पैसे कमाने की अवैध कोशिश करेंगे ही। इसलिए मुख्यमंत्री को राजस्व विभाग पर पूरी तरह निगरानी रखने की जरूरत है और इस मामले को जितनी जल्दी काबू में किया जाए उतना ही जनता और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद होगा।

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