छपी-अनछपी: संसद सत्र के एजेंडे पर तकरार, मणिपुर में कर्फ्यू तोड़ फिर हिंसा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 18 सितंबर से होने वाले संसद के विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? इस सवाल पर तकरार की खबर को प्रमुखता दी गई है। उधर मणिपुर से खबर है कि कर्फ्यू के बावजूद लोग सड़क पर निकले और इस दौरान हिंसा हुई। जी20 की आगामी बैठक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक आलेख सभी अखबारों में प्रकाशित किया गया है।

संसद सत्र का एजेंडा

हिन्दुस्तान की खबर है: संसद सत्र के एजेंडे पर वार-पलटवार। सरकार की ओर से बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर कांग्रेस और केंद्र के बीच बुधवार को सियासी वार-पलटवार चला। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सत्र का एजेंडा पूछा था। इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विवाद पैदा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने संसदीय कामकाज के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। सोनिया गांधी ने सत्र में रचनात्मक सहयोग का वादा करते हुए सरकार के सामने नौ मुद्दे रखे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इन विषयों पर संसद में नियमों के तहत चर्चा कराएगी। विपक्ष का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एजेंडा तय किए बगैर विशेष सत्र बुलाया गया है।

भारत और इंडिया की बहस

जागरण की सबसे बड़ी खबर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान है: भारत का विरोध करने वाले संविधान पढ़ें, इसमें लिखा इंडिया जो भारत है। जी 20 शिखर सम्मेलन के अतिथियों को राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए रात्रि भोज के निमंत्रण पद पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने के बाद विपक्षी दलों की टिप्पणियों के लिए उन पर निशाना चाहते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि इंडिया जो भारत है, संविधान में लिखा है और वह चाहते हैं कि हर व्यक्ति इसे पढ़े। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अंग्रेजी में भारत का नाम इंडिया से भारत करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव आया तो उस पर विचार होगा।

मणिपुर में फिर हिंसा

भास्कर की खबर है: मणिपुर में कर्फ्यू तोड़कर हजारों लोग सड़कों पर उतरे, लाठी चार्ज। 4 महीने से ज्यादा समय से हिंसा की आग में सुलग रहे मणिपुर में बुधवार को फिर हालात तनावपूर्ण हो गए। पांच जिलों में कर्फ्यू के बावजूद सैकड़ों महिलाओं सहित करीब 10 हज़ार से ज्यादा मैतेई प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों की बैरिकेडिंग के खिलाफ सड़क पर उतर आए। जवानों ने बार-बार उन्हें समझा कर पीछे हटने को कहा लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। अंत में हालात बिगड़ते देख जवानों ने लाठी चार्ज कर दिया। रबर की गोलियां चलाईं। इसमें 40 लोग घायल हो गए। इधर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी।

55 ट्रेनें रद्द, 10 का रूट बदला

गोरखपुर कैंट में यार्ड नवीनीकरण एवं गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन बिछाने की वजह से ट्रैफिक ब्लॉक लिया गया है। इसके कारण हाजीपुर और मुजफ्फरपुर रूट से गुजरने वाली 55 ट्रेनों को छह सितंबर से 11 सितंबर के बीच अलग-अलग तिथियों पर रद्द कर दिया गया है। वहीं, 30 अन्य ट्रेनों का मार्ग बदलने के साथ आंशिक समापन किया गया है। इनमें 10 ट्रेनों का मार्ग बदला गया जबकि 12 ट्रेनें बदले हुए समय से चलाई जा रही हैं।

जाति गणना की रिपोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार में जातीय गणना के सभी जिलों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर जातियों की शिक्षा व आमदनी का औसत सार्वजनिक होगा। आंकड़ों को समेकित करते हुए राज्य में नागरिकों के आयु व लैगिंक अनुपात, जिलों एवं राज्य से बाहर निवास करने वाले लोगों की संख्या, जोत भूमि की उपलब्धता, भूमिहीन, कुशल व अकुशल श्रमिक सहित विभिन्न बिंदुओं पर औसत निकाला जाएगा। इस औसत को पुन विखंडित कर उसका जिलावार विशेष रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कुल 26 बिंदुओं पर राज्य में लोगों की स्थिति का आकलन किया जाएगा। इस दिशा में लगातार सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी व बेल्ट्रॉन के तकनीकी विशेषज्ञ काम कर रहे हैं।

नेताजी के पोते का भाजपा से इस्तीफा

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने बुधवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने राष्ट्रवादी नेता के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के अपने वादे को पूरा नहीं किया। चंद्र बोस 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने 2016 विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। उन्होंने कहा, जब मैं भाजपा में आया तो मुझसे वादा किया गया कि मुझे नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके बड़े भाई शरत चंद्र बोस की समावेशी विचारधारा का प्रचार करने की इजाजत दी जाएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

कुछ और सुर्खियां

  • दरभंगा में तेज हवा से नाव पलटी, तीन बच्चियों समेत पांच की मौत
  • बिहार के छह बाल वैज्ञानिक जाएंगे जापान, मैट्रिक टॉपर रुम्मान अशरफ भी शामिल
  • आईआईटी मंडी में रैगिंग के आरोप में 10 छात्र सस्पेंड
  • बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर रोक की मांग सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी
  • बिहार के 47000 स्कूलों में चारदिवारी बनेगी
  • पीएमसीएच में तार पर गिरा पेड़, 7 घंटे तक रुकी रही बिजली
  • वेरिफिकेशन के काम से शिक्षक व शिक्षाकर्मी मुक्त रहेंगे

अनछपी: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दिन-ब-दिन ऐसे काम कर रही है जिससे उसकी गंभीरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इन मामलों में सिर्फ इतना कहती या कह पाती है कि पहले भी ऐसा होता रहा है। हाल की दो-तीन बातें ऐसी हैं जिनसे लोगों की समस्याओं का हल तो सामने नहीं आता लेकिन लोगों का ध्यान जरूर बंटता है। कुछ दिनों पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए लॉ कमीशन द्वारा मांगे गए सवाल के समय में भी ऐसे ही ध्यान भटकने का काम हुआ था। अभी प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखकर भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बेमतलब मुद्दे को हवा दी है। इस समय देश का बड़ा हिस्सा इस बहस में उलझा हुआ है कि भारत के नाम से इंडिया हटाना चाहिए या इसे रहने देना चाहिए। इसी तरह संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। यह विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है इसको लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं और सरकार चुपचाप इसका आनंद ले रही है। अब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने विशेष सत्र के एजेंडा पर बात की तो उन्हें भी वही जवाब मिला कि समय आने पर एजेंडा मालूम हो जाएगा। पहले विशेष सत्र बुलाना और फिर विशेष सत्र का एजेंडा ना बताना क्या साबित करता है? क्या इसमें कोई शक हो सकता है कि सरकार ऐसे कदमों से विपक्ष को बेमतलब उलझाए रखना चाहती है और लोगों का ध्यान भी असली मुद्दों पर नहीं जाने देना चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी पर इस संबंध में आरोप लगाये जाते रहे हैं और चंद्रयान 3 की सफलता के समय भी चंद्रयान के उतरने से ज्यादा उनकी तस्वीर दिखाए जाने पर यह बात कही गई थी। बहरहाल विपक्ष इन सब बातों को अगर समझ रहा है तो उसकी जिम्मेदारी है कि मुद्दों से भटकाने वाली बातों से दूर रहे और आम जनता को यह बताए कि सरकार को क्या करना चाहिए और सरकार वास्तव में कर क्या रही है।

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