छपी-अनछपी: पंजाबी खत्री ऋषि सुनक बने ब्रिटिश पीएम, आमिर सुबहानी के खाते से उड़ाये 90 हज़ार

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सोमवार को दिवाली थी और इस वजह से पटना के अखबार आज नहीं छपे हैं लेकिन खबरों का सिलसिला कभी रुकता नहीं, इसलिए हम यह देखेंगे कि उन अखबारों की वेबसाइट पर क्या चल रहा है। पाकिस्तानी पंजाब के गुजरांवाला शहर से संबंध रखने वाले ऋषि सुनक पंजाबी खत्री बताए गए हैं। उनके ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की खबर छाई हुई है। वह 1980 में ब्रिटेन में पैदा हुए जबकि आजादी से पहले उनका परिवार भारत छोड़कर ईस्ट अफ्रीका होते हुए ब्रिटेन में जा बसा था। उनके पिता यशवीर सुनक पेशे से डॉक्टर थे। उनकी शादी इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई है।

सुनक के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में काफी खुशी का माहौल है। इधर, कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने इस बात का स्वागत करते हुए यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या भारत में किसी अल्पसंख्यक के लिए ऐसा करना मुमकिन है।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को भी साइबर फ्रॉड से जूझना पड़ा है। उनके खाते से उनकी जानकारी के बगैर ₹90000 निकलने का मैसेज मिला तो यह बात उजागर हुई। पश्चिम बंगाल और आसपास के राज्यों में तूफान सित्रांग से होने वाले नुकसान की खबरें भी प्रमुखता से चल रही हैं।

प्रभात खबर की वेबसाइट पर सुबह की सबसे बड़ी खबर है: प्रतिबंध के बावजूद खूब हुई आतिशबाजी, पटाखों के धुएं के कारण आंखों में जलन। इसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखे चलाने पर लगी पाबंदी का उल्लंघन करते हुए दिल्ली वासियों ने दीवाली की रात में सिर्फ आतिशबाजी नहीं की बल्कि तेज आवाज वाले पटाखे भी फोड़े। हिंदुस्तान की खबर है कि बिहार में दिवाली के मौके पर प्रदूषण का स्तर खराब स्थिति में पहुंच गया। बेगूसराय, आरा और राजधानी पटना जैसे शहरों में सोमवार की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से ऊपर पहुंच गया। सबसे खराब हालत बेगूसराय की निकली जहां एक्यूआई 318 दर्ज किया गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे बेहतर माना जाता है और 100 से ऊपर जाने पर इसे प्रदूषित माना जाता है।

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के बारे में हिंदुस्तान की खबर है: ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर भारत में ट्रेंड करने लगा मुस्लिम पीएम, शशि थरूर हुए ट्रोल। इसमें बताया गया है कि सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुना गया है। वे 210 वर्षों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता होंगे। वह पहले वित्त मंत्री रह चुके हैं और एक धर्मनिष्ठ हिंदू माने जाते हैं।
इस खबर के अनुसार सुनक के ब्रिटेन के पीएम बनने के बाद कल से भारत में ट्विटर पर मुस्लिम पीएम ट्रेंड करने लगा है। इस मामले में शशि थरूर ने लिखा कि ब्रिटेन के लोगों ने बहुत ही दुर्लभ काम किया है, आइए ईमानदारी से पूछे क्या यह यहां हो सकता है? इसके जवाब में उन्हें डॉक्टर मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने का उदाहरण देकर उन्हें बुरा भला कहा गया है।

आमिर सुबहानी के बैंक खाते पर साइबर फ्रॉड की खबर हिंदुस्तान के होम पेज पर है: बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के साथ साइबर फ्रॉड, ईओयू ने जालसाज को तुरंत पकड़ा। अभी तक मुख्य सचिव से फ्रॉड करने वाले अपराधी का नाम सामने नहीं आया है लेकिन इओयू ने एफ आई आर दर्ज कर ली है। कुछ खबरों में बताया जा रहा है कि साइबर अपराधी ने उनके बैंक अकाउंट से ₹90000 निकालकर ऑनलाइन शॉपिंग कर ली थी। जब उनके मोबाइल पर पैसे कटने का मैसेज आया तब उन्हें धोखाधड़ी का पता चला।

अनछपी: भारत को उपनिवेश बनाने वाले और बेतरह लूटने वाले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक के चुने जाने पर जिस खुशी का इज़हार हो रहा है, वह भारतीय समाज के दोहरेपन की निशानी है। उन्होंने संसद में भगवत गीता को साक्षी मानकर यॉर्कशायर के सांसद के रूप में शपथ ली थी, यह बात बहुत शौक से बताई जाती है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हम सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर ब्रिटेन से हम उसके ज़ुल्म का हिसाब मांगेंगे या इसपर चुप्पी साध लेंगे? चूंकि सुनक हिन्दू समुदाय से आते हैं तो हिन्दू समुदाय का खुश होना स्वाभाविक है मगर जिन लोकतांत्रिक मूल्यों की वजह से वे वहां पीएम बने हैं, उन्हें हम भारत में लागू करते हैं? भारतीय मूल का आदमी ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बने तो भारत में खुशी मनाई जाती है लेकिन इटली मूल की एक महिला के प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर ही यहां एक बड़े नेता ने अपना सर मुंडवाने की धमकी दी थी। ब्रिटेन मैं जन्म लेने वाले व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने पर तो खुशी का इजहार होता है लेकिन भारत में ही जन्मे बादशाह अकबर से लेकर उनके वंशजों के बारे में यह उदारता गायब हो जाती है। भारत में अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री बनने की बात होने पर ही डॉ मनमोहन सिंह का उदाहरण पेश किया जाता है लेकिन जब उन्हें अल्पसंख्यक बताया जाता है तो हिंदुत्व के झंडाबरदारों द्वारा सिखों को हिंदू समुदाय का अंग बताने पर जोर दिया जाता है। इस तरह सुनक के पीएम बनने पर भारतीय समाज का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है।

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