कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकारों ने शुरू की योजना, आम लोगों से भी सहयोग की अपील
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
कोविड महामारी में अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो चुके अनाथ बच्चों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राहत की ख़बर आनी शुरू हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि ‘‘हम कल्पना नहीं कर सकते कि इस बड़े देश में भयानक महामारी से कितने बच्चे अनाथ हुए होंगे। हमारे पास ऐसे बच्चों की ठीक-ठीक संख्या नहीं है।’ इसके बाद कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे मार्च 2020 के बाद अनाथ हुए बच्चों की तत्काल प्रभाव से पहचान करें और उन्हें संरक्षण एवं मदद मुहैया कराएं। कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा कि अनाथ हुए बच्चों की जानकारी नेशनल कमीशन फ़ाॅर प्रोटेक्शन आॅफ़ चाइल्ड राइट्स की वेबसाइट पर भी अपलोड करें।
इसी के मद्देनज मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि बिहार में कोरोना से अनाथ हुए बच्चे-बच्चियों को ‘बाल सहायता योजना’ के तहत 18 वर्ष की आयु तक 1 हज़ार 500 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, अभिभावक विहीन बच्चे-बच्चियों की देख-रेख बाल गृह में की जाएगी। साथ ही, बच्चिों के नामांकन में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता दी जाएगी।
उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने एक ट्वीट संदेश भी जारी किया है।
समाज कल्याण विभाग ने प्रदेश भर में कोविड-19 से अनाथ हुए 48 बच्चों की शिनाख़्त की है। इसके अलावा, 1 हजार 486 ऐसे बच्चों की पहचान की है जिन्होंने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अपने मां-बाप में से किसी एक को खो दिया है।
दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अनाथ बच्चों की सहायता का एलान किया है। मोदी ने कहा है कि कोविड महामारी से माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले अनाथ बच्चों को पीएम केयर्स फ़ाॅर चिल्ड्रेन योजना के तहत सहायता दी जाएगी। पीएमओ से जारी बयान के अनुसार, योजना के तहत ऐसे अनाथ बच्चे जब 18 साल के हो जाएंगे तो एक विशेष योजना के तहत 10 लाख रुपये का एक फंड बनाया जाएगा। हर महीने उसमें से वजीफा मिलेगा ताकि शिक्षा के दौरान वे निजी जरूरतें पूरी कर सकें। जब वे 23 साल के हो जाएंगे तब इस फंड का शेष पैसा एकमुश्त मिलेगा।
योजना के तहत ऐसे 10 साल से कम उम्र के अनाथ बच्चों को नजदीक के केन्द्रीय विद्यालय में दाखिला दिलाया जाएगा। निजी स्कूल में दाखिला होने पर उनकी फीस पीएम केयर्स फंड से केन्द्र सरकार जमा कराएगी। वहीं, बच्चों को किताबें और स्कूल ड्रेस का खर्च भी केन्द्र सरकार उठाएगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देशभर में 577 बच्चों के अनाथ होने की सूचना दी है।
जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने अनाथ बच्चों के लिए बिहार और केन्द्र सरकारों की घोषणाओं का स्वागत किया है।
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता अली इमाम भारती ने पटना सिटी स्थित यतीमख़ाना ख़ादिमुल इस्लाम प्रबंधन से अपील की है कि वह कोरोना की वजह से यतीम हुए बच्चों को अपने यहां रखकर विशेष रूप से देखभाल करे।
आम लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे इस बात पर ध्यान दें कि अनाथ बच्चों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।
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