छपी-अनछपीः राहुल गांधी से पैसों की हेराफेरी के आरोप में 11 घंटे पूछताछ, नीतीश ने पूछा- इतिहास बदल दीजिएगा!

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। नेशनल हेरल्ड अखबार से जुड़े मनी लाॅन्डरिंग केस में सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की लंबी पूछताछ सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। जागरण की हेडिंग देखिए- ईडी के सवालों से बचते रहे राहुल। सवाल यह है कि फिर दस घंटे ईडी ने क्या किया। टाइम्स आॅफ इंडिया 11 घंटे पूछताछ और आज फिर बुलाने की बात पर सुर्खी लगायी है। इस पूछताछ के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की खबर भी छपी है।
इस पूछताछ की खास बात नेशनल हेरल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को यंग इंडियन कंपनी द्वारा 50 लाख रुपये में अधिग्रहण का मामला है। यंग इंडियन एक निजी कंपनी है जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी है। वैसे, ईडी ने राहुल से उनके बैंक खातों और अन्य लेनदेन के बारे में पूछताछ कर रही है।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक खबर प्रमुखता से पहले पेज पर छापी है जिसमें उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इतिहास बदलने के बयान पर पूछे गये सवाल पर हैरत जताते हुए कहा कि ’इतिहास बदल दीजिएगा!’ मगर यह खबर अधिकतर हिन्दी अखबारों में दबा दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा, ’अरे त इतिहास बदल दीजिएगा। मेरी तो समझ में नहीं आ रहा। इतिहास इतिहा सा है, हिस्ट्री हिस्ट्री है। कोई इतिहास कैसे बदलेगा। जो मौलिक इतिहास है उसको कोई थोड़ी बदल सकता है।’
’हिन्दुस्तान’ की पहली खबर है- गंगा नदी की धारा पहुंची बख्तियारपुर। खबर में बताया गया है कि गंगा बख्तियारपुर से पांच किलोमीटर दूर चली गयी थी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूजा अर्चना भी की।
भास्कर की पहली खबर यह है- मानसून समय से पहले आया, मतलब होगी अच्छी बारिश। इसकी दूसरी बड़ी खबर मुजफ्फरपुर में एटीएम फ्राॅड चलाने वाले गिरोह पर है। इसमें बताया गया है कि करीब 200 लोग इस गिरोह से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने में कोई दिलचस्पी नहीं, यह खबर जागरण ने प्रमुखता से छापी है। अन्य अखबरों में भी इसे अच्छी जगह मिली है।
अनछपीः यह खबर पटना के अखबारों में नहीं छपी है लेकिन प्रभात खबर रांची की पहली खबर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैंस के बयान पर है- वाटर कैनन, आंसू गैस और रबर बुलेट का उपयोग क्यों नहीं किया, गिरफ्तार लोगों की होर्डिंग्स लगाएं। यह बहुत ही अहम बात है कि जो सवाल विपक्षी दल भाजपा को पूछने चाहिए, वह राज्यपाल पूछ रहे हैं। यह सवाल कोर्ट भी पूछ सकता है। मगर राज्यपाल? यह बताने की जरूरत नहीं कि राज्यपाल केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा चुने हुए हैं। यही नहीं राज्यापल ने डीजीपी, डीसी और एसएसपी को राजभवन तलब किया। सवाल यह है कि क्या किसी राज्यपाल को किसी राज्य के प्रशासनिक मामलों में ऐसा दखल देना चाहिए? जाहिर तौर पर राज्यपाल के सवाल सीधे लग सकते हैं लेकिन असल में यह राज्य के मामलों में केन्द्र का हस्तक्षेप है। क्यों नहीं इसे यह समझा जाए कि राज्यपाल खुद शासन चलाना चाहते हैं।

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