छ्पी-अनछपी: पटना की हवा सबसे खराब, वंशावली बनाने में पेच फंसा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रदूषण के लिए वैसे तो दिल्ली बदनाम है लेकिन ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि पटना की हवा सबसे अधिक खराब चल रही है। इसकी खबर को भास्कर ने प्रमुखता से छापा है। जमीन और घर बंटवारा आदि के लिए तैयार की जाने वाली वंशावली बनाने में पेच फंस गया है। पहले यह सरपंच बनाया करते थे लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है। इसकी खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: वायु प्रदूषण देश भर में टॉप पर पटना… एक्यूआई 450। पटना साहित्य बिहार के विभिन्न जिलों में वायु प्रदूषण का तारा देश के टॉप पर पहुंच गया है पूर्ण ग्राम देश के टॉप प्रदूषित शहरों में बिहार के पटना, छपरा और बेगूसराय सहित 10 शहर हैं। शनिवार को पटना के गांधी मैदान का एक्यूआईए लेवल 450 और इको पार्क इलाके में 417 रिकॉर्ड किया गया। वही बेगूसराय में एयर क्वालिटी इंडेक्स 382 और छपरा में 376 रिकॉर्ड किया गया। बिहार के 10 जिलों में शुक्रवार की शाम 4:00 बजे से लेकर शनिवार को शाम 4:00 बजे तक एक्यूआई 300 से 400 के बीच रिकॉर्ड किया गया।

वंशावली को लेकर पेच

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: वंशावली को लेकर फंसा पेच। सरपंचों को वंशावली बनाने का अधिकार देने से पंचायती राज विभाग में पल्ला झाड़ लिया है। शासन ने पत्र लिखकर जिला अधिकारियों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से मार्गदर्शन लेने का सुझाव दिया है। वंशावली बनाने के लिए अमीन, कानूनगो, राजस्व कर्मचारी एवं सीओ को उपयुक्त अधिकारी बताया गया है। दरअसल परिवारों की वंशावली के अभाव में भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा के भुगतान में अलंग लग जाता है। ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पंचायती राज विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से रास्ता तलाश किया जाना था। अब पंचायती राज विभाग ने वंशावली के निर्माण से पल्ला झाड़ने हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्रवाई करें। पूर्व में वंशावली का निर्माण ग्राम कचहरियों में पंच की अनुशंसा पर सरपंच द्वारा तैयार किया जाता था।

संघ बनाया तो…शिक्षकों को चेतावनी

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: संघ बनाया तो शिक्षकों की नौकरी जाएगी। शिक्षा विभाग में शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीपीएससी से चयनित शिक्षकों को चेतावनी दी है कि वह किसी प्रकार का संघ या मंच नहीं बनाएं और न ही इस प्रकार के संघ को बनाते हुए अपने पैड छाप पाएंगे अन्यथा उनकी औपबंधिक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी। विभाग ने कहा है कि बीपीएससी से 1.20 लाख चयनित शिक्षक हैं। 2 नवंबर 2023 को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया था। अभी इनका स्कूल भी आवंटन नहीं हुआ है और उन्होंने संघ पहले ही बना लिया। इसे विभाग ने गंभीरता से लिया है।

शिक्षकों के तबादलों पर रोक

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: शिक्षक और कर्मियों के तबादले पर रोक। बिहार सरकार ने सभी कोटि के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों तथा शिक्षकेतर कर्मियों के तबादले पर रोक लगा दी है। किसी भी शिक्षक व कर्मचारी का कहीं पदस्थापन या प्रतिनियुक्ति पर भी रोक लग गयी है। यह रोक क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मियों पर भी लागू होगी। शिक्षा विभाग ने इस बाबत शनिवार को आदेश जारी किया है। माध्यमिक निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के कार्यालय एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा बड़ी संख्या में लिपिकों एवं शिक्षकों का स्थानांतरण, प्रतिनियोजन किया जाता है, जिसके चलते विद्यालय का पठन-पाठन एवं कार्यालय कार्य प्रभावित होता है।

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड की तैयारी

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: उत्तराखंड में यूसीसी का मसौदा तैयार। अख़बार लिखता है कि उत्तराखंड में बहु विवाह प्रथा पर रोक लगाने के साथ ही लिव इन रिलेशनशिप पर प्रभावी रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए इसका प्रारूप तैयार कर रही विशेषज्ञ समिति इन सुझावों को प्रमुखता से प्रारूप में शामिल करने जा रही है। इसके साथ ही महिलाओं को पैतृक व पति की संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। समिति जल्दी यह प्रारूप सरकार को सौंप सकती है। अध्ययन के बाद इसे विधेयक के रूप में विधानसभा से पारित कराया जाएगा।

फ़लस्तीन का सबसे बड़ा अस्पताल बंद

इसराइल के सैनिकों ने गजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा की घेराबंदी कर दी है। चिकित्सकों ने कहा कि वहां के आखिरी जनरेटर का ईंधन खत्म होने के बाद से एक शिशु सहित पांच मरीजों की मौत हो गई है। इसराइल ने दावा किया कि अल शिफा अस्पताल को हमास वहां नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। इसके नीचे बंकर बनाये थे। हाल के दिनों में उत्तरी गजा के युद्ध क्षेत्र में अल शिफा और अन्य अस्पतालों के पास लड़ाई तेज हो गई है और जरूरी चीजों की आपूर्ति खत्म हो गई है। बिजली नहीं है। चिकित्सा उपकरण बंद हो गए हैं। आईसीयू में रहने वाले मरीजों की मृत्यु होने लगी है।

जंग खत्म करने का दबाव

जागरण की खबर है: इस्लामी देशों ने गजा में युद्ध खत्म करने का दबाव बनाया। इसराइल और हमास का संघर्ष जारी है। इसे लेकर शनिवार को रियाद में अरब-इस्लामी देशों के शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान एक स्वर में ग़ज़ा में सैन्य अभियान तत्काल रोकने की मांग की गई। साथी घोषणा की गई कि फलस्तीन के खिलाफ हो रहे अपराध की इसराइल जिम्मेदारी ली। बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी के अलावा तुर्किये के राष्ट्रपति तैयब एरदुआन, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद और सीरिया राष्ट्रपति बशर अल असद भी शामिल थे।

कुछ और सुर्खियां

  • सूरत रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में बिहार के एक यात्री की मौत
  • कोडरमा में चलती ट्रेन पर गिरा ओवरहेड तार, दो की गई जान
  • त्योहारों को लेकर पुलिस अफसर और कर्मचारियों की 30 तक छुट्टियां रद्द
  • विश्व कप क्रिकेट में इंग्लैंड से हार पाकिस्तान बाहर, भारत का सेमीफाइनल मैच न्यूजीलैंड से 15 को
  • कश्मीर के डल झील में हाउसबोट में लगी आग से तीन विदेशी पर्यटकों की मौत
  • स्पाइसजेट की दिल्ली से पटना आने वाली फ्लाइट खराब मौसम के कारण बनारस डाइवर्ट

अनछपी: पटना की हवा सबसे खराब होने की सूचना चौंकाने वाली नहीं है क्योंकि पहले भी इस तरह की सूचना आती रही है लेकिन अफसोस की बात है कि इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिस तरह दिल्ली के लोग प्रदूषण को लेकर चिंतित रहते हैं वैसी कोई चिंता किसी भी स्तर पर बिहार में नहीं देखी जाती है। पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स गांधी मैदान के इलाके में सबसे ज्यादा खराब बताया जाता है जबकि वहां सैकड़ों लोग हर दिन मॉर्निंग वॉक के लिए जाते हैं। लगभग वही हाल इको पार्क इलाके का भी है। बिहार में खेतों में पुआल जलाने की वैसी समस्या अभी सामने नहीं आई है जैसी दिल्ली के आसपास के इलाकों से आती है। बिहार में प्रदूषण की बड़ी वजह असुरक्षित तरीके से किया जा रहा कंस्ट्रक्शन का काम है। इसमें सरकारी और गैर सरकारी दोनों निर्माण कार्यों का दोष है। उदाहरण के लिए पटना में चल रहे मेट्रो निर्माण प्रोजेक्ट से भी काफी प्रदूषण फैलने की बात कही जाती है। इसके अलावा पुल और सड़क निर्माण में भी प्रदूषण की बात सामने आती है। इसके साथ ही बिल्डिंग बनाने की वजह से भी वायु प्रदूषण काफी बढ़ता है क्योंकि वहां सीमेंट और बालू उड़ने को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं रहती। आमतौर पर ट्रैक्टर से ढोया जा रहा बालू ढंका हुआ नहीं रहता है जो उड़कर प्रदूषण फैलाता है। पटना में वैसे तो सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ी है लेकिन अब भी काफी संख्या में पेट्रोल और यहां तक कि डीजल गाड़ियां चल रही हैं, इनके धुएं से भी प्रदूषण हो रहा है। इन सब पर वैसे तो कोई कार्रवाई नहीं होती लेकिन अब खबर आई है कि अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन पर प्रदूषण फैलाने के कारण 10 लख रुपए का जुर्माना किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि पटना के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाली दूसरी कंपनियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि यह कार्रवाई बहुत ही काम है जिसका खामियाजा पटना की हवा को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए और सख्त कार्रवाई की जाए।

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