छ्पी-अनछ्पी: हर घर में 2024 तक लगेगा बिजली का स्मार्ट मीटर, 1.20 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र आज

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के हर घर में 2024 तक बिजली का स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है। बीपीएससी द्वारा नव नियुक्त 1.20 लाख शिक्षकों को आज गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र बाटेंगे। इसकी खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

हिन्दुस्तान के अनुसार राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं के यहां अगले वर्ष तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाएंगे। बुधवार को बिजली कंपनी के 11वें स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को यह टास्क सौंपा। ऊर्जा ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में सीएम ने 13934.89 करोड़ की ऊर्जा प्रक्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन-लोकार्पण, कार्यारंभ एवं शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हर जगह प्री-पेड मीटर लगाने का काम चल रहा है। इससे लोगों को काफी सुविधा हो रही है। पैसे की भी बचत हो रही है। मेरी इच्छा है कि प्री-पेड मीटर लगाने का कार्य वर्ष 2024 तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सब जगह पूर्ण करा दें।

शिक्षकों को नियुक्ति पत्र

प्रभात खबर ने सबसे बड़ी बहाली नाम से शुरू में ही विशेष पेज दिया है। बिहार के एक लाख 20 हजार 336 नए शिक्षकों को गुरुवार को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इनमें से 25 हजार शिक्षक पटना के गांधी मैदान में आएंगे, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा इन्हें नियुक्तिपत्र सौंपा जाएगा। वहीं, अन्य को उनके जिले में ही नियुक्तिपत्र दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने नियुक्तिपत्र वितरण की तैयारी पूरी कर ली है। राज्य के 27 जिलों से 25 हजार शिक्षक 602 बसों से पटना के गांधी मैदान पहुंचेंगे।

नियुक्ति में क्रेडिट वार

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: शिक्षक भर्ती पर क्रेडिट वार, नीतीश की राजद के मंत्री को दो टूक- भर्ती सरकार ने की पार्टी का नाम न छपवाएं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राजद कोटे से मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दो टूक कहा- अपना और पार्टी का क्रेडिट लेने में मत लगे रहिए। कहा कि यह कहिए कि काम सरकार का है। दरअसल हाल ही में राज्य में 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा में 1.20 लाख को अंतिम रूप से चयनित किया गया है। इसके बाद सरकार में मुख्य सहयोगी राजद इसे घोषणा पत्र का हिस्सा बताते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की उपलब्धि बताने में जुटा है। सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से लगातार पोस्टर लगाकर लोगों को बताया जा रहा है कि यह काम उनकी पार्टी और तेजस्वी यादव के कारण हुआ है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षक भर्ती पर चल रहे क्रेडिट वार के बीच राजद के मंत्री को ये बातें कही हैं।

मराठा आरक्षण पर सहमति-असहमति

जागरण की खबर है: मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय प्रस्ताव जरांगे को नामंजूर। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण की गुत्थी सुलझाने के लिए बुधवार को सर्व दलीय बैठक बुलाई। इसमें सभी दलों के नेताओं ने मराठा समाज को आरक्षण देने पर सहमति जताते हुए एक प्रस्ताव पास कर आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल से अनशन समाप्त करने का आह्वान किया। लेकिन जरांगे पाटिल पर इस प्रस्ताव का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। उन्होंने साफ कह दिया है कि यदि पूरे मराठा समाज को कुनबी प्रमाण पत्र देकर आरक्षण देने की मांग पूरी न हुई तो वह गुरुवार से जल का भी त्याग कर देंगे।

केजरीवाल की आज ईडी में पेशी

जागरण ने खबर दी है: आबकारी घोटाले में आज ईडी के समक्ष केजरीवाल की पेशी। आबकारी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने 30 अक्टूबर को उन्हें समन भेजा था। आबकारी घोटाले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह जेल में है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 16 अप्रैल को अपने मुख्यालय में केजरीवाल से पूछताछ की थी।

भाजपा के सीनियर लीडर कांग्रेस में

तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका देते हुए पूर्व सांसद जी विवेक वेंकटस्वामी ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। विवेक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की तेलंगाना इकाई की घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष भी थे। केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को एक पत्र लिखकर विवेक ने अपने फैसले की जानकारी दी।

चुनावी बॉन्ड में गोपनीयता का सवाल

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: चुनावी बॉन्ड में चुनिंदा गुमनामी व गोपनीयता। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना के साथ समस्या यह है कि इसमें चुनिंदा गुमनामी और चुनिंदा गोपनीयता का प्रावधान है क्योंकि विवरण भारतीय स्टेट बैंक के पास उपलब्ध है और कानून लागू करने वाली एजेंसियां भी उन्हें हासिल कर सकती हैं। चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने केंद्र की ओर से दलीलें रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि योजना के साथ समस्या तब होगी जब यह राजनीतिक दलों को समान अवसर प्रदान नहीं करेगी और अगर यह अपारदर्शी होगी पूर्ण राम चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दलीलें सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पूरी तरह से प्रशंसनीय हो सकता है लेकिन चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन लाने के प्रयास के लिए इसमें संपूर्ण जानकारी का प्रावधान होना चाहिए।

कुछ और सुर्खियां

  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ रैली आज, मिलर स्कूल में जुटान
  • जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और अन्य की 538 करोड़ की संपत्तियां ज़ब्त
  • जेईई मेन के लिए 5 नवंबर से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
  • सारण में सरयू नदी में नाव डूबी, दो की मौत, छह लापता
  • ग़ज़ा में पूरी तरह बंद पड़ीं इंटरनेट और फोन सेवाएं
  • फोन हैकिंग अलर्ट मामले में संसदीय समिति एप्पल के अधिकारियों को समन जारी कर कर सकती है पूछताछ

अनछपी: बीपीएससी द्वारा शिक्षक भर्ती का क्रेडिट कौन ले? इस बारे में उठा विवाद महागठबंधन या इंडिया गठबंधन के लिए अच्छी निशानी नहीं है। राजद कोटे से मंत्री आलोक मेहता के बारे में यह कहा गया कि उनकी ओर से इस भर्ती का क्रेडिट आरजेडी को देने की कोशिश हुई है। कहा जा रहा कि आलोक मेहता ने शिक्षक भर्ती को राजद के घोषणा पत्र का हिस्सा बताया है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बात नागवार गुजरी है और उन्होंने इसीलिए इसके बारे में यह कहा कि क्रेडिट लेने की होड़ नहीं मचनी चाहिए। इसका पता नहीं चल पाएगा लेकिन यह जानना दिलचस्प राहत की आलोक मेहता ने यह अपनी ओर से किया है या पार्टी के इशारे पर ऐसा किया गया है। आरजेडी में एक ऐसा समूह है जो हमेशा यह मानता रहा है कि बड़ा दल होने के नाते तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री होना चाहिए और वही समूह क्रेडिट लेने के मामले में भी आगे रहता है। इस विवाद पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि कौन सा क्रेडिट? कोई क्रेडिट का मतलब नहीं है। क्रेडिट लेकर क्या फायदा है। हम लोगों को देना था, हमारी सरकार दे रही है। अगर सरकार को ही क्रेडिट देना है तो इसमें गठबंधन में शामिल सभी दलों को शामिल किया जाना ही स्वाभाविक बात लगती है। फिलहाल इसे जनता दल यूनाइटेड और राजद के बीच अंदरूनी तनातनी के रूप में ही लिया जाएगा। इस तनातनी पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी भी मजे ले सकती है। इस समय इंडिया गठबंधन की बात थोड़ी कम हो चली है। ऐसे में अगर यह विवाद तुरंत थम जाता है तो इंडिया गठबंधन के लिए बेहतर होगा। लेकिन राजद में शिवानंद तिवारी जैसे वरिष्ठ नेता भी हैं जो यह समझते हैं कि राजद के पास क्रेडिट लेने का अधिकार है। उनका कहना है कि शिक्षक नियुक्ति जैसे मौके पर कोई पोस्टर बैनर भी बनता है तो इसमें राजद और उसके नेता को जगह मिलनी चाहिए। दूसरी और यह बताया गया है कि शिक्षक नियुक्ति पत्र के वितरण समारोह के पोस्टर में केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है और उपमुख्यमंत्री इसमें नहीं है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले कुछ दिनों में क्रेडिट लेने का यह शीत युद्ध ठंडा होता है या और आगे बढ़ता है।

 

 

 

 454 total views

Share Now

Leave a Reply