छपी-अनछपी: कृषि रोडमैप 4 में आधुनिकीकरण पर जोर, सिद्दीकी ने बच्चों को क्या सलाह दी कि हंगामा मचा?

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में खेती के लिए सरकार द्वारा जारी रोड मैप-4 आज महत्वपूर्ण खबरों में शामिल है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की बिहार पर की गई टिप्पणी से जो हंगामा मचा था उसके बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है। इधर राजद के सीनियर लीडर अब्दुल बारी सिद्दीकी द्वारा अपने बच्चों को विदेश में ही बसने की सलाह देने पर भी बहस छिड़ गई है। इन दोनों बयानों को प्रमुखता से कवर किया गया है। कोरोना के बारे में प्रधानमंत्री की सलाह को भी काफी अहमियत दी गई है।

हिन्दुस्तान की पहली हेडलाइन है: रोडमैप-4: बिहार में कृषि बाजारों का विकास होगा। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: चौथे कृषि रोडमैप में आधुनिकीकरण पर जोर। भास्कर ने लिखा है: नीतीश बोले- कृषि के आधुनिकीकरण पर काम करें, उत्पाद की ब्रांडिंग पर भी ध्यान दें। अखबारों के अनुसार बिहार के चौथे कृषि रोडमैप में खेती के आधुनिकीकरण से लेकर कृषि बाजार के विकास समेत बेहतर उत्पादों की ब्रांडिंग आदि पर फोकस होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस इस रोडमैप की तैयारी बैठक में यह निर्देश दिया। उन्होंने चावल गेहूं के अलावा अन्य फसलों की उपज के लिए भी मदद करने को कहा। मुख्यमंत्री ने चौर क्षेत्र में नीचे मछली ऊपर बिजली उत्पादन पर बेहतर ढंग से काम करने की बात भी कही। बैठक में सब्जी विकास, मधुमक्खी पालन, कृषि विविधीकरण, कृषि यांत्रिकीकरण, सिंचाई, भंडारण, खरीद, कृषि शिक्षा, बागवानी विकास, जलवायु अनुकूल कृषि, मिट्टी व जल संरक्षण के साथ-साथ डिजिटल कृषि पर भी चर्चा हुई।

बीपीएससी परीक्षा में एक और बदलाव
भास्कर की पहली खबर है: बीपीएससी मेंस में एक से अधिक निबंध, पीटी रिज़ल्ट से तीन दिन पहले आन्सर की। बीपीएससी परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव के तहत 69 वीं पीटी से हर प्रश्न के चार ही विकल्प होंगे। बीपीएससी ने तय किया है की 68 वीं प्रारंभिक परीक्षा से ही रिज़ल्ट जारी होने के 3 दिन पहले फाइनल उत्तर जारी कर दिया जाएगा। 68वीं प्रारंभिक परीक्षा में सभी 150 प्रश्नों पर नेगेटिव मार्किंग होगी और एबीसीडी और ई पांच ऑप्शन होंगे। 69 वीं प्रारंभिक परीक्षा से ई ऑप्शन हटाने पर विचार किया जा सकता है। 67 वीं परीक्षा की कॉपी जांच पैटर्न में भी बदलाव किया गया है। मुख्य परीक्षा के एक पृष्ठ की जांच एक ही विशेषज्ञ करेंगे।
कोरोना जांच पर जोर
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: पीएम का जांच बढ़ाने पर जोर, बिहार में तैयारियों की समीक्षा। पटना और दिल्ली से लिखी गई इस खबर में बताया गया है कि चीन समेत विभिन्न देशों में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र और बिहार सरकार ने इससे निपटने की तैयारी तेज कर दी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक कर स्वास्थ्य इंतजामों की समीक्षा बैठक के दौरान राज्यों को जांच बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही कड़ी निगरानी की सलाह दी। इधर पटना में रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर कोरोना जांच के लिए टीम बनाई गई है।
तवांग में हंगामा, लद्दाख में चीनी जमावड़ा
भास्कर ने पहले पेज पर खास खबर दी है: तवांग में हंगामा कर लद्दाख में सैनिक बढ़ा रहा चीन, एलएसी को एलओसी में बदलने की कर रहा साजिश। अखबार लिखता है: चीन बाज नहीं आ रहा है और अरुणाचल के तवांग सेक्टर में चीनी सेना के साथ हुई झड़प को लद्दाख सेक्टर से ध्यान भटकाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पूर्वी सेक्टर में घुसपैठ के बहाने चीन ने देपसांग, दम चौक और चूमर के उस और तैनात अपने 70,000 सैनिकों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के लिए सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बना लिया है।

पीयूष गोयल ने बयान वापस लिया
राज्यसभा में भाजपा के नेता सदन और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सफाई दी है कि उनका बिहार या बिहार के लोगों का अपमान करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा है कि अगर उनके बयान से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो वे बयान को वापस लेते हैं। गोयल ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा था कि यह लोग पूरे देश को बिहार बना देंगे। राजद सांसद मनोज झा ने उनसे माफी मांगने की मांग की थी और शुक्रवार को गांधी प्रतिमा के सामने बिहार के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया था हालांकि इसमें भाजपा के सांसद नहीं शामिल हुए थे।

सिद्दीकी ने बच्चों से कहा- विदेश में ही रह जाएं
राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कोई एक हफ्ते पहले एक उर्दू अखबार के कार्यक्रम में देश की हालत पर चिंता जताते हुए कहा था कि उन्होंने विदेश में रह रहे अपने बेटा-बेटी से कहा है कि भारत अब रहने लायक दिख नहीं रहा। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने बच्चे को यह कहने के लिए मजबूर हैं कि वह विदेश में ही रह जाएं। हो सके तो वही की नागरिकता ले लें। सिद्दीकी के इस बयान पर महागठबंधन ने उनका समर्थन किया है लेकिन भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वे चाहे तो पूरे परिवार के साथ पाकिस्तान में बस जाएं। सिद्दीकी का बेटा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ता है जबकि उनकी बेटी लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से पास आउट है। वरिष्ठ मंत्री व जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र प्रसाद यादव ने अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान के बारे में कहा कि वह ठीक ही तो कह रहे हैं। देश का जो माहौल हो रहा है, देख नहीं रहे आप। इसी तरह का बयान कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र और राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने भी दिया है।
अनछपी: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राजद के सीनियर लीडर अब्दुल बारी सिद्दीकी का बयान बिल्कुल अलग अलग मानसिकता का परिचायक है। पीयूष गोयल ने बिहार को उसी मानसिकता के तहत टारगेट किया है जो काफी लंबे समय से बिहार के लोग लंबे समय से झेलते आए हैं। बयान में एक राज्य को नीचा दिखाने की बात स्पष्ट है। यह अफसोस की बात है कि बिहार के भाजपा सांसद ने पीयूष गोयल के बयान का कोई विरोध नहीं किया। अच्छी बात यह है कि राजद और अन्य दलों के सांसदों के विरोध के बाद पीयूष गोयल ने बयान वापस ले लिया है हालांकि इस तरह का बयान देने के बाद उसे वापस लेने से क्या लाभ होता है यह स्पष्ट नहीं है। दूसरी और अब्दुल बारी सिद्दीकी ने लगभग वही बात की है जो कई लोग अपनी निजी बातचीत में कहते हैं। उन्होंने किसी राज्य या अपने देश की बुराई नहीं की बल्कि भारत में बिगड़े माहौल की चर्चा की है। अब्दुलबारी सिद्दीकी के बच्चे कहां रहेंगे, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा लेकिन श्री सिद्दीकी ने उन्हें विदेश में बसने की सलाह खुशी से तो नहीं दी होगी। आखिर कौन मां-बाप चाहेगा कि उसके बच्चे उनसे दूर बस जाएं लेकिन हालात जब मुश्किल हों तो मजबूरी में ऐसी बात कही जाती है। जो लोग उनके इस बयान के लिए उनकी आलोचना कर रहे हैं उन्हें यह बात भी गौर करनी चाहिए कि हजारों लोग हर साल भारत क्यों छोड़ जाते हैं।

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